Dec 17, 2011

मायावी सपना बन गया मायानगरी का ऐलान



मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार सपनों की कलाबाजियों मे माहिर है। सरकार कोई न कोई ऐसा सपना हर एक साल में दिखा रही है, लेकिन उसे पूरा नहीं किया जा रहा है। इसी सपनों की कड़ी में सरकार ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया था। राजधानी के आसपास जमीन भी चिन्हित कर ली गई थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में भाजपा सरकार एक कदम आगे नहीं बढ़ी है। अब पूरा प्रोजेक्ट संस्कृति विभाग को नये सिरे से मिला है।
भोपाल। दक्षिण भारत में अधिकांश राज्य फिल्मों के जरिए जमकर पैसा कमा रहे हैं, लेकिन मध्यप्रदेश इस दिशा में गहरी नींद में है, जबकि राज्य में फिल्मों की शूटिंग के लिए प्राकृतिक सौंदर्यता की भरमार है पर राजनेताओं को अपनी राजनीति करने से फुरसत ही नही मिल रही है,यही वजह है कि पिछले आठ सालों से फिल्म सिटी का मामला फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रहा है।
    लिहाजा राजधानी में फिल्म सिटी का निर्माण अब संस्कृति विभाग करेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने संस्कृति विभाग को अधिकृत कर दिया है। विभाग फिल्म सिटी बनाने के साथ ही उसके संचालन, फिल्म निर्माण संबंधी विषय भी देखेगा।
उद्योग विभाग ने कोई पहल नहीं की:
    भोपाल के पास फिल्म सिटी बनाने का जिम्मा पहले उद्योग विभाग के पास था। विभाग ने बगरौदा के पास इसके लिए 471.82 एकड़ जमीन भी आरक्षित करा रखी थी, लेकिन कला और संस्कृति से जुड़े इस मामले में संस्कृति विभाग उद्योग विभाग की योजना से सहमत नहीं था। फिल्म सिटी के लिए पसंद की गई जमीन को भी अपर्याप्त और अनुपयोगी बताते हुए संस्कृति विभाग द्वारा इस पर ऐतराज जताया गया था। इन कारणों से फिल्म सिटी के लिए आरक्षित जमीन को गैर प्रदूषणकारी उद्योग लगाने के प्रयोजन के लिए देने का कैबिनेट को निर्णय लेना पड़ा। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर सरकार ने अब संस्कृति विभाग के कार्य आवंटन नियमों में संशोधन करते हुए फिल्म सिटी की स्थापना, संचालन तथा समन्वय, फिल्म निर्माण, प्रशिक्षण प्रोत्साहन, विकास तथा इस विषय से संबंधित समस्त कार्य संस्कृति विभाग को सौंपे हैं। इस बारे में अधिसूचना जारी होने के साथ संस्कृति विभाग द्वारा फिल्म सिटी निर्माण की दिशा में तेजी से काम शुरू होने की संभावना है। 
                                देवेन्द्र मिश्रा,भोपाल

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