Mar 10, 2012

सरकार की इच्छा शक्ति के अभाव से विपक्ष को घर बैठे मौका



राज्य की लगातार पटरी से उतर रही कानून व्यवस्था और फैलते भ्रष्टाचार ने भाजपा सरकार की नींद उड़ा दी है। पहले महिलाओं के साथ गैंगरेप, फिर पत्रकारों की हत्या और अब खनिज माफिया द्वारा आईपीएस अफसर की हत्या से कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। बार-बार भले ही मुख्यमंत्री दावा करें कि सख्त कार्यवाही की जायेगी, लेकिन लोगों का विश्वास सरकार पर से उठता जा रहा है। भाजपा सरकार के लिए बिगड़ती कानून व्यवस्था के साथ-साथ फैलता भ्रष्टाचार का नासूर भी सिरदर्द बन गया है।
भोपाल। चाल,चरित्र और चेहरे का राग अलापने वाली प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने लगातार अवंाछित घटनाओं से संगठन के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। एक के बाद एक सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामले और कानून व्यवस्था ने भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया है।  सरकार इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है। पिछले दो महीने में भ्रष्टाचार के अनेक ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें आयकर व लोकायुक्त की छापामार कार्यवाही के दौरान अधिकारी तो अधिकारी चपरासी के घर से करोड़ों रूपए निकले हैं। 11 मार्च को होने वाली चुनाव समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। चुनाव समिति के सदस्य ही कोर गु्रप के भी सदस्य हैं, इसलिए मुख्यमंत्री की मौजूदगी में संगठन इस पूरे मामले पर चर्चा कर सकता है।
मिशन की तैयारी और उठते सवाल:
    भाजपा मिशन 2013 की तैयारी में जुटी है, लेकिन पिछले दो महीनों में भ्रष्टाचार के जितने मामले सामने आए हैं, उससे भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा की लड़ाई कमजोर हुई है, तो वहीं सरकार के रवैये पर भी सवालिया निशान लगा हुआ है। जितने भी अधिकारियों के घर पर आयकर व लोकायुक्त के छापे पड़े, उन अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने सख्त कार्यवाही नहीं की है। पिछले दो माह में एक दर्जन से अधिक अधिकारियों के घर पर छापे पड़ चुके हैं। पिछले विधानसभा सत्र में विपक्ष द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव में जिन मुद्दों को उठाया गया था, उनमें से ज्यादातर मामले अब सामने आ रहे हैं।
माफिया के आगे बेबस सरकार:
    खनिज माफिया के आगे सरकार की बेबसी और सत्तारूढ़ दल के विधायक व नेताओं का इन्हें संरक्षण किसी से छिपा नहीं है।  08 मार्च को एक आईपीएस अधिकारी की मौत के पीछे भी खदान माफिया से जुड़े लोगों का हाथ बताया जा रहा है। यही नहीं भाजपा के एक विधायक का भी नाम सामने आ रहा है। शेहला मसूद हत्याकांड में भी सीबीआई ने भाजपा नेता को क्लीनचिट नहीं दी है। कांग्रेस ने हाल ही में मुख्यमंत्री के परिवार के लोगों द्वारा कृषि भूमि पर कॉलोनी काटने के मामले को उजागर किया था। भाजपा के लिए यह पूरे मामले सिरदर्द बन गए हैं।
विपक्ष के पास बैठे बिठाये मौका:
पार्टी नेताओं का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही करने में ढुलमुल रवैया अपनाए हुए है और यह मामले आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस को सरकार और भाजपा को घेरने का बैठे-बिठाएं मौका मिल रहा है। कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जिन मुद्दों को उठाया था, सरकार उनका जवाब नहीं दे पाई थी। सदन में अविश्वास प्रस्ताव तो गिर गया, लेकिन इस पूरे मामले से सरकार और भाजपा को उबरने में दो महीने से अधिक का समय लग गया था। कांग्रेस ने कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मामले को तूल दिया तो सरकार और भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएगी। भाजपा इन सभी मामलों में जवाब देने से बच रही है, तो सरकार के मुखिया और मंत्री भी हर मामले में जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
क्या कहते हैं नेता:
-    हर मामले में सख्त कार्यवाही होगी। - शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश।
-    सरकार अपना काम कर रही है। - प्रभात झा, प्रदेशाध्यक्ष भाजपा
-    भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। कानून व्यवस्था खत्म हो गई है। - अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष।



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