हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र को उनके मंत्री विदुर ने समझाते हुए कहा था कि
कर्मणां तु प्रशस्तानामनुष्ठानं सुखावहम। तेषामेवाननुष्ठानं पश्चातपकारं मतम्।।
अर्थात उत्तम कर्मो का अनुष्ठान तो सुख देने वाला होता है,किंतु उन्ही का अनुष्ठान न किया जाये तो वह पश्चाताप का कारण बन जाता है। संभवत: इन्ही नीति वाक्यों का अनुसरण करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री एक दिन के एकांतवास के बाद भोपाल लौटे हैं। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लगे व्यक्तिगत आरोपों से आहत मुख्यमंत्री अपने परिवार के साथ आत्ममंथन करने कुकरूखमला गये थे और इस मंथन का असर शीघ्र ही मंत्रिमंडल की उठापटक के रूप मे दिखने की संभावना है।
सतपुड़ा के घने जंगल की वादियां वैसे ही साधु महात्माओं के लिए साधना स्थली रही है। इन्हीं जंगलों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ अवकाश और आत्म चिंतन के लिए पहुंचे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी आत्मचिंतन की बात कही थी। मंगलवार सुबह सीएम का उडऩखटोला बैतूल से करीब 65 किमी दूर कुकरूखामला की पहाडिय़ों पर बनाए गए अस्थायी हेलीपेड पर सुबह 11.10 बजे उतरा। कलेक्टर बी. चन्द्रेशखर और एसपी बीएस चौहान ने उनकी अगवानी की। सीएम अपनी पत्नी के साथ कार से सीधे वन विभाग के उस रेस्ट हाउस में पहुंचे, जो समुद्र तल से करीब 3800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। 1905 में बने इस रेस्ट हाउस में दो कमरे हैं। यहीं पर सीएम का चौबीस घंटे रहने का प्लान है। कुछ मिनटों बाद ही सीएम ने कलेक्टर और एसपी समेत अन्य अधिकारियों को भी जिला मुख्यालय के लिए रवाना कर दिया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय नेताओं और अन्य लोगों से भी मिलने से इंकार कर दिया। सिर्फ भैंसदेही एसडीएम केएस सेन और स्थानीय टीआई ही व्यवस्थाओं और सुरक्षा के लिए वहां रहे। सीएम के साथ उनका पर्सनल स्टाफ भी है। समझा जाता है कि विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री पर जो व्यक्तिगत आरोप लगे वे मुख्यमंत्री को आहत करने वाले थे। एकांतवास क्यों?
अमूमन सदन में बेहद जरूरी होने पर ही अपनी बात कहने वाले सीएम ने तब विपक्ष के आरोपों के दौरान अध्यक्ष से कहा था कि जब वे इनका जबाव दें जब विपक्ष उनकी पूरी बात सुनें। इस बार अविश्वास प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह समेत कई कांग्रेसी विधायकों ने उनके परिवार के सदस्यों पर कई गंभीर आरोप लगाये थे। जैसे ही विधानसभा सत्र खत्म हुआ, उसके बाद सरकारी कामकाज को पूरा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने अवकाश और आत्मचिंतन की इच्छा जाहिर की। उनके एक करीबी ने कुकरूखामला की वादियों को इनके लिए आदर्श बताया और मुख्यमंत्री ने बैतूल में एक स्थानीय करीबी से इसकी जानकारी लेकर कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया।
fareb ka nya tarika hai
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