वर्षों के इंतजार के बाद प्रदेश कांग्रेस मे एकता की संभावना दिखी थी,लेकिन अघोषित रूप से शापित प्रदेश कार्यालय में मौजूद रहने वाले नेताओं के बीच गुटबाजी बढ़ती ही जा रही है। अब इस बात के भी प्रयास हो रहे हैं कि पार्टी कार्यालय पर किसका कब्जा रहे और भूरिया किनके वश में रहे? इसके चलते नेताओं में जबर्दस्त रस्सा-कस्सी शुरू हो गई है। वैसे भी यहां पर धीरे-धीरे दिग्विजय और कांतिलाल भूरिया गुटों में मुठभेड़ होने लगी है।
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की आठ महीने से कमान संभाले हुए कांतिलाल भूरिया की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। भूरिया ने बमुश्किल तो कार्यकारिणी बनाई और अब जब कार्यकारिणी बन गई तो पदाधिकारियों के कार्य विभाजन में काफी देर लगा दी। इसके चलते संगठन का काम लगातार पिछड़ता ही जा रहा है। अब जबकि पदाधिकारियों का कार्य विभाजन हो गया, चैम्बर मिल गया, तब वे यह पूछ रहे हैं कि उन्हें काम क्या करना है, इसका अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। जिसे लेकर नेताओं में विवाद भी होने लगे हैं।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पिछले 6 सालों से यह स्थिति बन गई है कि जो अध्यक्ष बनता है उनके समर्थक ही कार्यालय में कदम-ताल करते हैं बाकी लोग कार्यालय से कन्नी काट लेते हैं, पर भूरिया ने इस बार प्रयास किया है कि अलग-अलग गुट के नेताओं को महत्व दिया ताकि वे सभी वर्ग को लेकर पार्टी को सक्रिय कर सके। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रतिदिन पहुंचने वाले नेताओं में मानक अग्रवाल, शांतिलाल पडय़ार, जेपी धनौपिया, सत्यदेव कटारे, कैप्टन जयपाल सिंह, संजय दुबे, केके मिश्रा, रवि जोशी, रवि सक्सेना आदि शामिल हैं। पर इनके बीच भी समन्वय का अभाव है, अब तो यह होने लगा है कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मौजूद रहने वाले नेता राज बबन और केंद्रीय नेताओं से अलग-अलग गुट में पहुंच रहे है। राजभवन में तो पिछले दिनों कांग्रेस नेताओं से पूछ ही लिया कि आखिरकार वे बताये कि कांग्रेस के किस गुट के नेता महामहिम से मिलना चाह रहे हंै। इसके साथ ही हाल ही में केंद्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी और सुबोधकांत सहाय के भोपाल आगमन पर राजनीति साफतौर पर नजर आई है। बताया जाता है कि नेताओं ने अलग-अलग जाकर केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की है और अपनी बात रखी है।
क्या कर रहा है संगठन:
अभी तक जिलों में हो रही है कांग्रेस की रैलियां
भूरिया और अजय ने 29 जिलों का दौरा पूरा किया
सारे प्रकोष्ठ कर दिये गये हंै भंग
पार्टी में धीरे-धीरे सक्रिय होने लगे प्रवक्ता
पदाधिकारियों को जिन जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है वे भी निकले
संगठन की ओर से होते हैं समय-समय पर श्रृंद्वाजलि कार्यक्रम
गुटबाजी का ग्राफ भी लगातार फैल रहा है पार्टी कार्यालयों में
कहां कहां गुटबाजी:
भूरिया कैम्प - प्रमोद गुगालिया, शांतिलाल पडिय़ार, संजय दुबे, रवि जोशी, रवि सक्सेना,कैप्टन जयपाल सिंह, राजेंद्र गहलोत, अकबर वेग
दिग्विजय कैम्प - मानक अग्रवाल, गोविंद गोयल, पीसी शर्मा, अभय दुबे
पचौरी कैम्प - राजीव सिंह, सुनील सूद, अतुल शर्मा, अरविंद मालवीय।