Mar 9, 2012

मध्यप्रदेश में मनमाना माफियाराज ?


माफिया के फैलते पैर और दुस्साहसी हौसलो ने पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। अब मध्यप्रदेश में कानून के रखवाले ही सुरक्षित नहीं है। माफिया दिनों-दिन ताकतवर होता जा रहा है। आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की खनिज माफिया द्वारा हत्या कर देने के बाद कई सवाल पुलिस की भूमिका के साथ साथ सरकार के कामकाज पर भी खड़े हो गये हैं। यूं तो मध्यप्रदेश में पुलिसकर्मियों पर हमले की घटनाएं अब सामान्य बातें होती जा रही हैं।
भोपाल। अपराधियों के दुस्साहसी हमले इस तथ्य को और भी पुष्ट करते नजर आ रहे हैं कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद से माफिया लगातार फलफूल रहा है। हर क्षेत्र में माफिया ने अपनी दखलांदाजी बढ़ा दी है जिसके फलस्वरूप माफिया खुलकर सरकारी कामकाजों में हस्तक्षेप कर रहा है। इन दिनों सबसे ज्यादा भू-माफिया और खनिज माफियाओं के हौसले बुलंद हैं । सरकारी जमीनों पर कब्जे करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है। इसके साथ ही प्राकृतिक संसाधन को नेस्तानाबूत करने के लिए खनिज माफिया लगातार सक्रिय है। प्रदेश में चारों तरफ खदानों से अवैध उत्खनन खुलकर हो रहा है। विशेषकर जबलपुर, कटनी, दमोह, भोपाल, सतना, रीवा, ग्वालियर, मुरैना, टीकमगढ़ व छतरपुर आदि क्षेत्रों में तो खनिज माफिया दिन-रात अवैध उत्खनन में जुटा हुआ है। इन्हें रोकने के लिए जो भी प्रयास करता है। उसे किसी न किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिसंबर 2011 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भू-माफिया के साथ-साथ खनिज के अवैध उत्खनन के मामले को जोर-शोर से उठाया था। तब सरकार ने इन्हें सिरे से नकार दिया था,नदियों के किनारे से रेतों के अवैध उत्खनन के मामले तो आये दिन अखबारों की सुर्खिया बन रहे हैं। नर्मदा नदी के किनारे तो  शिवा कार्पोरेशन कंपनी अवैध रूप से रेतों का उत्खनन कर रही है,परंतु सरकार इसे नही देखना चाहती है।
खनन माफिया ने जान ली आईपीएस अफसर की:
    मध्यप्रदेश में एक जाबांाज और ईमानदार आईपीएस अफसर नरेंद्र कुमार की 08 मार्च, 2012 को मुरैना के बानमोर में खनिज माफिया ने हत्या कर दी। यह अफसर होली के दिन ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोकने के लिए अकेले ही पहुंच गये। टै्रक्टर-ट्रॉली में अवैध रूप से पत्थर भरे हुए थे, जब आईपीएस अफसर ने इस टै्रक्टर-ट्रॉली को रोकने की कोशिश की तो ड्राईवर ने ट्रॉली को ही पलट दिया जिसके फलस्वरूप अफसर पत्थरों में दब गये और बाद में उन्हें ग्वालियर ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। नरेंद्र कुमार वर्ष 2009 बैंच के आईपीएस अफसर हैं और उन्हें बानमोर एसडीओपी के रूप में पदस्थ किया गया था। उनकी पत्नी मधुरानी भी एमपी कैडर की आईएएस अफसर हैं, जो कि इन दिनों दिल्ली में मेटरनल लीव पर है। इस पूरे मामले में यह नहीं लग पा रहा है कि आखिरकार यह अवैध पत्थर का मालिक कौन है। सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र कुमार इस अवैध उत्खनन को रोकने के लिए बार-बार कोशिश कर रहे थे और वे कई बार इस टै्रक्टर-ट्रॉली को जप्त कर चुके थे, लेकिन हर बार पुलिस थाना इस टै्रक्टर-ट्रॉली को छोड़ देता था। इस पर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि जब होली के दिन नरेंद्र कुमार ने मुरैना एसपी से फोर्स मांगी तो उन्हें फोर्स भी उपलब्ध नहीं कराई गई।
खनिज माफिया बनाम सियासत:
    मध्यप्रदेश में खनिज माफिया को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच लंबे समय से सियासत हो रही है। बार-बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कह रहे हैं कि वे खनिज माफिया के खिलाफ कार्यवाही कर रहे हैं, लेकिन कार्यवाही कहा हो रही है इसका पता किसी को नहीं चल रहा है। विपक्ष भी लगातार खनिज माफिया के खिलाफ हल्ला बोल रहा है। इसके बाद भी सरकार ने खनिज माफिया को लेकर कोई बड़ी कार्यवाही अभी तक नहीं की है। एकबार फिर विपक्ष आक्रमक तेवर अख्तियार किये हुए है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल कहते हैं कि हर हाल में खनिज माफिया के खिलाफ सरकार को कार्यवाही करना चाहिए, लेकिन सरकार की सांठगांठ के कारण माफिया फलफूल रहा है। वही गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता का मानना है कि सरकार खनिज माफिया के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रही है और उसी का परिणाम है कि एक आईपीएस अफसर शहीद हो गया।

2 comments:

  1. perhaps law and oredr situation in MP... is going to worse

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  2. total worst following old up and bihar culture

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